Last Updated on June 5, 2024
Force and Newton’s Laws of Motion
बल (Force)
बल वह बाहरी कारक है , जो किसी वस्तु की प्रारभिक अवस्था यानि विराम की अवस्था या एक सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था को परिवर्तित कर सकती है । या परिवर्तित करने का प्रयास करता है ।
बल का SI मात्रक न्यूटन होता है । तथा CGS में इसका मात्रक डायन होता है ।
बलों के प्रकार (Type of Force)
गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)
विधुत बल (Electromagnetic Force)
दुर्बल बल (Weak Force)
प्रबल बल (Strong Force)
न्यूटन के गति का नियम (Newton’s Laws of Motion )
न्यूटम का प्रथम नियम (First Law)
कोई वस्तु विराम की अवस्था में है, तो वह विराम की अवस्था में ही रहेगी और यदि वह एक समान गति से किसी सीधी रेखा पर चल रही है , तो वैसे ही चलेगी ,जब तक की उस पर कोई बाहरी बल लगाकर उस अवस्था में परिवर्तित न किया जाय ।
उदाहरण
(a) रुकी हुई गाड़ी के अचानक चल पड़ने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाना ।
(b) गोली मारने से काँच में गोल छेद हो जाता है , परंतु पत्थर से मारने पर टूट जाना ।
(c) कम्बल से धूल का निकलना ।
न्यूटन का द्वितीय नियम (Second Law)
“ किसी वस्तु पर आरोपित बल, उस वस्तु के द्रव्यमान तथा बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है ।“
यदि किसी m द्रव्यमान की वस्तु पर F बल आरोपित करने से उसमे बल की दिशा में a त्वरण उत्पन्न होता है, तो न्यूटन के दूसरे नियम से –
F=m×a
F = बल
m = द्रव्यमान
a = त्वरण
उदाहरण:-
(a) समान वेग से आती हुई क्रिकेट गेंद एवं टेनिस गेंद में से टेनिस गेंद को कैच करना आसान है।
(b) गद्द या मिट्टी के फर्श पर गिरने पर सीमेंट से बने फर्श पर गिरने की तुलना में कम चोट लगना ।
(c) कराटे खिलाड़ी द्वारा हाथ के प्रहार से ईटो की पट्टी तोड़ना ।
न्यूटन का तीसरा नियम (Third Law)
“प्रत्येक क्रिया के बराबर , परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है ।“
उदाहरण:-
(a) बन्दुक से गोली छोड़ते समय पीछे की ओर झटका लगना ।
(b) नाव के किनारे पर से जमीन पर कूदने पर नाव का पीछे हटना ।
(c) उचाई से कूदने पर चोट लगना ।
(d) रॉकेट का आगे बढ़ना ।
जड़त्व (Inertia)
वस्तुओं की प्रारभिक अवस्था (विराम या गति की अवस्था ) में स्वतः परिवर्तन नहीं होने की प्रवित्ति को जड़त्व कहते है ।
संवेग (Momentum – P)
किसी गतिमान वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का ‘संवेग’ कहते है ।
P = m × v
आवेग (Impulse – J)
यदि कोई बल किसी वस्तु पर कम समय तक कार्यरत रहे तो बल और समय अंतराल के गुणनफल को उस वस्तु का आवेग कहते है ।
J = F×t
By – sudhirsiriti